संस्कृत में वर्ण प्रकार- संस्कृत व्याकरण नोट्स

संस्कृत में वर्ण प्रकार

संस्कृत में वर्ण प्रकार चार होते हैं-

1. स्वर

2. व्यञ्जन-

3. अनुस्वार

4. विसर्ग

1. स्वर और उसके प्रकार

जिन वर्णो के उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की सहायता नहीं लेनी पड़ती है उन्हे स्वर कहते हैं। ये निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-

1. हृस्व स्वर

जिन वर्गों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं। इनकी संख्या पाँच होती है- अ, इ, उ, वह ले

2. दीर्घ स्वर

जिन वर्णो के उच्चारण में दो मात्राओ का समय लगता है उन्हे दीर्घ स्वर कहते है। ये निम्ननिखित होते हैं- आ,ई,ऊ, ऋ, ए,ऐ,ओ,औ

3. प्लुत स्वर

जिन स्वर वर्णो के उच्चारण में तीन मात्राओं का समय लगता है उसे प्लुत स्वर कहते हैं। इसके आगे तीन का चिन्ह बना दिया जाता है। यथा ओउ्म

2. व्यंञ्जन और उसके प्रकार

जिन वर्णों का उच्चारण करने में किसी स्वर की सहायता लेनी पड़ती है उन्हें व्यंजन कहते हैं। यह चार प्रकार के होते हैं

1. स्पर्श व्यंजन

जिन वर्णों के उच्चारण में जीह्वा मुख के विभिन्न भागों का स्पर्श करती है उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं इनकी संख्या 25 होती है।

क, वर्ग – क ,ख, ग , घ, ड
च वर्ग – च,छ,ज,झ,ञ
ट वर्ग – ट,ठ,ड,ढ,ण
त वर्ग – त,थ,द,ध,न
प वर्ग – प,फ,ब,भ,म

2. अन्तस्थ व्यञ्जन

जिन वर्णों के उच्चारण में अंन्दर से ज्यादा जोर लगाना पड़ता है उन्हें अन्तस्थ व्यंजन कहते हैं यह चार होते हैं। य,व,र,ल

3. उष्म व्यंजन

जिन वर्णों के उच्चारण में अंदर से गर्म वायु निकलती है उन्हें उष्म व्यंजन कहते हैं इसकी संख्या चार होती है।
श,स,ष ह,

4. संयुक्त व्यंजन

जो व्यंजन वर्ण दो व्यंजन वर्णों के योग से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहते हैं व्याकरणचार्यो ने इन्हें व्यंजन की श्रेणी में नहीं रखा है इसकी संख्या तीन है।
क् +ष =क्ष
त् + र = व
ज् +ञ= ज्ञ

3. अनुस्वार

जब किसी वर्ण की अंतिम ध्वनि म रह जाती है उसे अनुस्वार कहते हैं यह वर्ण के ऊपर एक बिंदु ( ं )के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यथा कं,गं,पं आदि

4. विसर्ग

जब किसी वर्ण की अंतिम ध्वनि ‘ह’ शेष रहती है तो उसे कहते हैं यह वर्ण के बाद ऊपर नीचे दो बिंदुओं( : ) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है यथा राम: मोहन: आदि

अनुस्वार किसे कहते हैं?

जब किसी वर्ण की अंतिम ध्वनि म रह जाती है उसे अनुस्वार कहते हैं।

विसर्ग किसे कहते हैं?

जब किसी वर्ण की अंतिम ध्वनि ‘ह’ शेष रहती है तो उसे कहते हैं।

ह्रस्व स्वर किसे कहते हैं?

जिन वर्गों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं।

स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं

इनकी संख्या 25 होती है।

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संस्कृत वर्ण माला

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