संस्कृत अच् सन्धि परिभाषा
आज के इस ब्लॉग में हम संस्कृत अच् संधि परिभाषा के बारे में पढ़ेंगे इसमें संधि की परिभाषा उदाहरण नियम,भेद के बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे।
द्वयोः वर्णयो : परस्परं यत् मेलनं भवति ततः सन्धि कथ्यते ।”
“परः सन्निकर्षः सहिता” (वणों का आपस में समीप में लाना सन्धि कहलाता है
सन्धि सार्थक शब्दो के बीच में होती है
संधि का दुसरा नाम – संहिता
सन्धि तत्सम शब्दों के बीच में होती है
सन्धि के भेद :- संन्धि मुख्यतः तीन
अच् (स्वर) सन्धि
हल् (व्यञ्जन) सन्धि
विसर्ग सन्धि
अच् (स्वर) सन्धि की परिभाषा
यदा द्वयोः स्वरयोः सन्धानं मेलनं वा जायते, तत् सन्धानं स्वरसन्धिः अच् सन्धिः वा कथ्यते।
(दो स्वरो के परस्पर मेल को अच् (स्वर) सन्धि कहते हैं।)
अच् सन्धि के भेद –
1. अयादि-सन्धिः
2. यण्-सन्धिः
3. गुणसन्धिः
4. वृद्धिसन्धिः
5. सवर्णदीर्घसन्धिः
6. पूर्वरूपसन्धिः
7. पररूपसन्धिः
8.प्रकृतिभावः
अयादी सन्धि
अयादि सन्धि का सुत्र -” एचोड्यवायाव:
एच प्रत्याहार क्रमः
“ए, ओ, ऐ, औ,”
अयादि सन्धि में ए, ओ, ऐ, औ के स्थान पर क्रमशः अय् ,अव् ,आय् आव् हो जाता है।अयादि सन्धि कहलाती है
इसमे स्वर परे रहते हैं।
अयादि सन्धि के उदाहरण
सुत्र – ए → अय्
- ने + अनम् = नयनम्
- शे + अनम् = शयनम्
- चे + अनम् = चयनम्
- कवे + ए = कवये
- हरे + ए = हरये
सुत्र – ओ → अव्
- पो + अनः = पवनः
- भो + अनम् = भवनम्
- विष्णो + इह = विष्णविह
अयादि संधि के 10 उदाहरण
सुत्र – ऐ → आय्
- गै + अकः = गायकः
- नै + अकः = नायक :
- सै + अक: = सायकः
सुत्र – औ → आव्
- गै + अन्ति = गायन्ति
- भौ + उक : = भावुकः
- असौ + अयम् = असावयम्
- भौ + अयति = भावयति
- इह + अग्नौ + अग्नाविह
- पौ + अक: = पावकः
अच् संधि के कितने भेद हैं?
1. अच् (स्वर) सन्धि
2. हल् (व्यञ्जन) सन्धि
3. विसर्ग सन्धि
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से आपको अयादि सन्धि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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