विसर्ग संधि के 100 उदाहरण |visarg sandhi ke udaharan

Visarg Sandhi Ke Udaharan

Visarg Sandhi Ke Udaharan – विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग संधि बनती है। विसर्ग ध्वनि स्वर के बाद ही आती है। जहाँ विसर्ग (:) का लोप होकर अथवा विसर्ग के स्थान पर नया वर्ण आता हैं, वहाँ विसर्ग संधि होती है। विसर्ग का उच्चारण स्थान कंठ होता है। विसर्ग हमेशा अर्ध्याक्षर होता है। विसर्ग संधि में परिवर्तन केवल विसर्ग में ही होता है तथा विसर्ग अधिकतर ‘श’ परिवार में ही बदलते हैं।

1. विसर्ग के साथ च या छ के मेल होने पर विसर्ग के स्थान पर श् बन जाता है।

विसर्ग संधि के 10 उदाहरण (visarg sandhi ke 10 udaharan)

  • निः+चल = निश्चल
  • निः+ छल = निश्छल
  • निः+चय = निश्चय
  • दुः+चरित्र = दुश्चरित्र
  • ज्योतिः+चक = ज्योतिश्चक
  • तपः+चर्या = तनश्चर्या
  • अन्तः+चेतना = अन्तश्चेतना
  • हरिः+चन्द्र = हरिश्चन्द्र
  • अन्तः+चक्षु = अन्तश्चक्षु
  • पुनः+च = पुनश्च
  • मनः+चेतना = मनश्चेतना
  • मनः+ चिकित्सा = मनश्चिकित्सा
  • पुरः+चरण = पुरश्चरण आः+चर्य = आश्चर्य

2. विसर्ग के साथ श् के मेल पर विसर्ग के स्थान पर श् हो जाता है।

विसर्ग संधि के 5 उदाहरण (visarg sandhi ke 5 udaharan)

  • निःश्वास = निश्श्वास
  • चतुःश्लोकी = चतुश्श्लोकी
  • निः+शंक = निश्शंक
  • दुःशासन = दुश्शासन
  • यशः+ शरीर = यश श्शरीर
  • निःशुल्क = निश्शुल्क
  • यशःशेष = यश श्शेष

3. विसर्ग के बाद ट, ठ और ष आने पर विसर्ग के स्थान पर ष् बन जाता है।

  • धनुः+ टंकार = धनुष्टंकार
  • चतुः+टीका = चतुष्टीका
  • निः+ ठुर = निष्ठुर

4. विसर्ग के पहले अ या आ के अतिरिक्त अन्य कोई स्वर हो तथा विसर्ग के साथ मिलने वाले शब्द का प्रथम वर्ण क, ख, प,फ में से कोई हो तो विसर्ग के स्थान पर ष् बन जाता है।

Visarg Sandhi Ke Udaharan

  • निः+काम = निष्काम
  • निः+प्रयोजन = निष्प्रयोजन
  • बहिः+कार = बहिष्कार
  • निः+कपट = निष्कपट
  • ज्योतिः कण = ज्योतिष्कण
  • दुः+कर = दुष्कर
  • आविः+कार = आविष्कार
  • चतुः+ पथ = चतुष्पथ
  • चतुः+ काश्ठ = चतुष्काष्ठ
  • चतुः+पद = चतुष्पद
  • चतुःपाद = चतुष्पाद

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5. विसर्ग के पहले वाले वर्ण में संधि होने पर विसर्ग हटता अया आ स्वर हो तथा विसर्ग के बाद क, ख, प,फ हो तो नहीं है, ज्यों का त्यों रह जाता है।

विसर्ग संधि के 15 उदाहरण (visarg sandhi ke 15 udaharan)

  • अन्तः+करण = अन्तःकरण
  • रजः कण = रजःकण
  • तपः+ पूत = तपःपूत
  • पयः+पान = पयःपान
  • वयः+ कम = वयःकम
  • अन्तः+पुर = अन्तःपुर
  • प्रातःकाल = प्रातःकाल
  • अधःपतन = अधःपतन
  • प्रातः+ कमल = प्रातःकमल
  • तिरस्कार = तिरःकार
  • भास्कर = भाः कर
  • नमस्कार – नमः+कार
  • श्रेयस्कर = श्रेयः कर
  • पुरस्कार = पुरः+कार
  • वृहस्पति = वृहः+पति
  • पुरस्कृत = पुरः कृत

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6 . विसर्ग के पूर्व अ,आ से भिन्न कोई स्वर या किसी वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवा वर्ण अथवा य,र,ल,व में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग का र् हो जाता है।

विसर्ग संधि के 20 उदाहरण (visarg sandhi ke 20 udaharan)

  • निः+गमन = निर्गमन
  • पुनः+ आवृति = पुनरावृति
  • निः+ जल = निर्जल
  • निः+ लेप = निर्लेप
  • निः+यात = निर्यात
  • नि+भय = निर्भय
  • निः+मम = निर्मम
  • निः+अर्थक = निरर्थक
  • दुः+ आत्मा = दुरात्मा
  • निः+धन = निर्धन
  • आशीः+वाद = आशीर्वाद
  • निः+ आशा = निराशा
  • बहिः+ आगत = बहिरागत
  • चतुः+भुज = चतुर्भुज
  • दुः+ बुद्धि = दुर्बुद्धि
  • निः+अक्षर = निरक्षर
  • निः+ जन = निर्जन
  • निः+ ईह = निरीह
  • दुः+गुण = दुर्गुण

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