संज्ञा किसे कहते हैं– संज्ञा का अर्थ होता है – नाम – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा मूलतः या मूल रूप से दो प्रकार की होती है।
- यथार्थवाचक – (मूर्त रूप, रंग, आकार, वास्तविक) – दृश्य
- भाववाचक – अदृश्य
- व्यक्तिवाचक – श्याम, भारत, गंगा, पटना, आदि।
- जातिवाचक – कार, लड़की, घर, शिक्षक आदि।
- पदार्थवाचक/द्रव्यवाचक – दूध, पानी, तेल, घी, सोना आदि।
- समूहवाचक – परिवार, संघ, कक्षा, गुच्छा आदि।
आधुनिक हिन्दी में संज्ञा के 3 भेद होते हैं।
प्राचीन हिन्दी में संज्ञा के 5 भेद होते हैं।
व्यक्तिवाचक–
व्यक्ति + एकवचन (दृश्य + एकवचन)
जातिवाचक (समूहवाचक /द्रव्यवाचक)
व्यक्ति + बहुचवन या ऐसे शब्द जिनका बहुवचन बनाया जा सकें। (दृश्य + बहुवचन)
भाववाचक
भाव + एकवचन (अदृश्य + एकवचन
काले चावल, बाजरा, पर्वत, हिमालय, नदियाँ, गंगा, गुलाब, सफेद गुलाब, गाय, सड़क आदि।
संज्ञा किसे कहते हैं संज्ञा के भेद
व्यक्तिवाचक संज्ञा
किसी विशिष्ट या विशेष व्यक्ति, वस्तु, या स्थान का जिससे बोध हो, व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती है। यह सदैव एकवचन एवं दृश्य होती है।
जब आप किसी वस्तु या व्यक्ति को गुणों के आधार पर पहचान पा रहे हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Vyaktivachak Sangya Ke Udaharan)
- दिनों के नाम – सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
- महीनों के नाम – जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल आदि।
- देशों के नाम – भारत, जापान, अमेरिका, चीन आदि।
- दिशाओं के नाम – पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण
- व्यक्तियों के नाम – राम, श्याम, अवंतिका, गीता, महात्मा गांधी, आदि।
- त्योहारों के नाम – होली, रक्षाबंधन, दिवाली, ईद आदि।
- नदियों के नाम – गंगा, यमुना, आदि।
- पुस्तकों के नाम – रामायण, महाभारत, बाइबिल, पंचतंत्र आदि।
- शहरों के नाम – आगरा, इलाहाबाद, अजमेर आदि।
यह जरूरी नहीं है कि उपजाति बनने पर वह व्यक्तिवाचक हो जाये।
उदाहरण- गुलाब, फल आदि।
जातिवाचक संज्ञा
जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के वर्ग, समूह या समुदाय का बोध हो, जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
जातिवाचक संज्ञा सदैव बहुवचन एवं दृश्य होती है।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Jativachak Sangya Ke Udaharan)
- मनुष्य – लड़का, लड्की, आदमी, औरत, भाई, बहन ।
- पशु-पक्षी गाय, शेर, गधा, तोता, मोर आदि। > वस्तुओं के नाम – किताब, पेन, घड़ी, कुर्सी, मेज़ आदि।
- पदों के नाम – शिक्षक, मंत्री, सिपाही आदि।
- प्राकृतिक आपदाएँ – भूकंप, आँधी, बाढ़ आदि।
कुछ अन्य शब्द– ईश्वर, गाय, फूल, फल, ज्वालामुखी, कुत्ता, सती, हिन्दू, ईसाई, रेलगाड़ी, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री
भाववाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा से बन सकती है।
विशेषण से भी भाववाचक संज्ञा बन सकती है।
द्रव्यवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा से उस द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है, जिसे हम माप या तौल सकते है लेकिन उनकी गणना नहीं कर सकते हैं।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण(Dravya Vachak Sangya Ke Udaharan)
- धातुओं तथा खनिजों के नाम- लोहा, सोना, चाँदी, पीतल आदि।
- खाने – पीने की वस्तुएँ – दूध, दही, चीनी, घी आदि।
समूहवाचक संज्ञा
समूहवाचक संज्ञा से तात्पर्य हैं कि जिसके अन्तर्गत अनेक वस्तुओं या प्राणियों का बोध हो रहा हो अर्थात् ऐसी वस्तुयें या प्राणी जिनकी गणना की जा सकें।
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण (Samuh Vachak Sangya Ke Udaharan)
- व्यक्तियों का समूह – सेना, परिवार, संघ, कक्षा आदि।
- वस्तुओं का समूह – गुच्छा, पुंज, ढेर, श्रृंखला, आदि।
भाववाचक संज्ञा (संज्ञा किसे कहते हैं )
भाववाचक संज्ञा से तात्पर्य है कि जो हमें किसी भी भाव, दशा, अवस्था, धर्म, गुण या कार्य का बोध कराये। भाववाचक संज्ञा अगणनीय है अर्थात् भाववाचक संज्ञा की गणना नहीं की जा सकती।
अदृश्य + एकवचन
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan)
प्यार, क्रोध, बेईमानी, ईमानदारी, बचपन, जवानी, वीरता, आनंद, यौवन, मोह, लोकतंत्र, राजतंत्र
भाववाचक संज्ञा का निर्माण
भाववाचक संज्ञा का निर्माण 5 प्रकार से होता है।
विशेषण से – विशेष्य की विशेषता संज्ञा/सर्वनाम
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
ऊँचा | ऊँचाई |
धीर | धैर्य |
नीचा | नीचाई |
दुर्बल | दुर्बलता |
सर्वनाम से – संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
मम | ममत्व, ममता |
अहं | अहंकार |
अपना | अपनापन,अपनत्व |
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संजा |
---|---|
घर | घरेलू |
मित्र | मित्रता |
राष्ट्र | राष्ट्रीयता |
मानव | मानवता |
क्रिया से भाववाचक संज्ञा
क्रिया (मूलधातु + ना) | भाववाचक संजा |
---|---|
काटना | काट |
दौड़ना | दौड़ |
चलना | चलन, चाल |
हँसना | हँसी, हास्य |
उड़ना | उड़ान |
नोट- मूल धातु भी भाववाचक संज्ञा हो सकती है।
अव्यय से भाववाचक संज्ञा
अव्यय- जो लिंग, जाति, काल, कारक के आधार पर परिवर्तित ना हो सके।
अव्यय | भाववाचक संजा |
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शीघ्र | शीघ्रता |
तेज | तेजी |
हाहा | हाहाकार |
समीप | समीपता/समीप्य |
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मैं सूर्या इस ब्लॉग का लेखक हूँ। मैंने जय नारायण विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है । मेरे पास की जानकारी आप लोगो के साथ साँझा कर रहा हूँ ।अगर कही कोई त्रुटी हो तो आप जरुर टिपण्णी करे । आप बने रहे हमारे साथ शब्द सूत्र पर । धन्यवाद ।