Vachan Ki Paribhasha- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से ज्ञात हो कि वह एक के लिए प्रयुक्त हुआ है अथवा एक से अधिक के लिए, उसे वचन कहते हैं।
Vachan Ki Paribhasha वचन की परिभाषा व भेद
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
लता | लताएँ |
लड़का | लड़के |
नारी | नारियाँ |
तिर्यक रूप- जब रूप का प्रयोग कारक विभक्ति के साथ हो।
- महिला – महिलाएँ – महिलाओं
- महिला गा रही है
- महिलाएँ गा रही हैं।
- महिलाओं गा रही हैं/महिलाओं ने गाया |
वचन परिवर्तन के नियम
जातिसूचक शब्दः ‘आ’ का परिवर्तन ‘ए’ में।
- गधा – गधे
- कपड़ा – कपड़े
- तोता – तोते
- लड़का – लड़के
उदाहरण
- घोड़ा चर रहा है।
- घोड़े चर रहे हैं।
सजीव एकवचन शब्दों के आगे जन, लोग, गण, वर्ग, वृन्द आदि शब्द लगाकर बहुवचन बनाते हैं।
- नारी – नारीवृंद
- बाल – बालवृंद
- आप – आपलोग
- कवि- कविगण
- मुनि – मुनिवृंद
- पिछड़ा – पिछड़ा वर्ग
एकवचन पुल्लिंग शब्दों में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
जैसेः- घर, बर्तन, देश, पक्षी, आदि।
इकारान्त/ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों का परिवर्तन ‘याँ’ में हो जाता है।
- तिथि – तिथियाँ
- रीति-रीतियाँ
- मिठाई – मिठाइयाँ
- पंक्ति – पंक्तियाँ
- नदी – नदियाँ
- घड़ी – घड़ियाँ
- गर्मी-गर्मियाँ
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के ‘या’ के अन्त में केवल अनुस्वार लगाकर बहुवचन बनाते हैं।
इया – याँ
पुड़िया – पुड़ियाँ
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के ‘अ’ को ‘एँ’ करके बहुवचन बनाते हैं।
नहर – नहरें
आँख – आँखें
मूँछ – मूँछे
गाय – गायें
सड़क – सड़कें
बहन – बहनें
आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘एँ’ लगाकर बहुवचन बनाते हैं।
भाषा – भाषाएँ
वार्ता – वातएिँ
औकारान्त, ऊकारान्त, उकारान्त शब्दों का परिवर्तन ‘एँ’ में होता है।
बिन्दु – बिन्दुएँ
ऋतु – ऋतुएँ
धातु – धातुएँ / धातुयें
कुछ पुल्लिंग शब्दों के एकवचन और बहुवचन समान रहते हैं।
जैसे- ईश्वर, आकाश, सूर्य, मन, मामा नाना, बाबा, दादा, दाता, योद्धा, आत्मा आदि।
प्राण, लोग, दर्शन, अक्षर, दाम, ओठ, आँसू, हस्ताक्षर, केश, बाल, प्रजा, होश, अक्षत, समाचार, दर्शक, भाग्य, रोम, अश्रु, आशीर्वाद इत्यादि शब्दों का प्रयोग हमेशा हिन्दी में बहुवचन में होता है।
‘प्रत्येक’ तथा ‘हरएक’ का प्रयोग सदा एकवचन में होता है।
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से आपको Vachan Ki Paribhasha : वचन की परिभाषा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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मैं सूर्या इस ब्लॉग का लेखक हूँ। मैंने जय नारायण विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है । मेरे पास की जानकारी आप लोगो के साथ साँझा कर रहा हूँ ।अगर कही कोई त्रुटी हो तो आप जरुर टिपण्णी करे । आप बने रहे हमारे साथ शब्द सूत्र पर । धन्यवाद ।