अव्ययीभाव समास के उदाहरण- जिस समस्त पद का प्रथम पद प्रधान होता है तथा अव्यय होता है (इस प्रकार के शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक, काल के अनुसार परिवर्तन नहीं होता है, उन्हें अव्यय कहते हैं। इस प्रकार अव्ययी भाव समास में समस्त पद अव्ययी रूप ही होता है। इसके दो प्रकार होते हैं (1) अव्ययी पद पूर्व (2) नामपद पूर्व प्रथम पद अव्यय समास में पहला पद अव्यय होता है, जिसमें उपसर्ग सम्मिलित हैं।
नामपद पूर्व समास में प्रथम पद अव्यय या उपसर्ग न होकर संज्ञा या विशेषण होता है। यह संज्ञा एवं विशेषण शब्द अव्ययी भाव समास में प्रयुक्त होने पर अपना रूप नहीं बदलते हैं
अव्ययीभाव समास के उदाहरण
- यथास्थान = जो स्थान निर्धारित है
- यथोचित = जैसा उचित है वैसा
- यथा स्थिति = जैसी स्थिति है
- यथा योग्य = जो योग्य है जितना
- यथा विधि = विधि के अनुसार
- यथावसर = अवसर के अनुसार
- यथेच्छ = इच्छा के अनुसार
- प्रत्यक्ष = आँख के आगे
- प्रतिमास = हर मास
- समक्ष = आँखों के सामने
- आमरण = मृत्यु तक
- अकारण = बिना कारण के
- आजीवन = जीवन पर्यन्त
- अनुसार = सार के अनुसार
- आजानुबाहु = घुटनों से बाहु तक
- यथा सम्भव = सम्भव के अनुसार
- यथा समय = समय के अनुसार
- यथा साध्य = जितना साधा जा सके
- यथानुरूप = उसी के अनुरूप
- प्रतिध्वनि = ध्वनि से उत्पन्न ध्वनि
- प्रतिक्षण = हर क्षण
- अनुकूल = जैसा कूल है उसके अनुसार
- निर्विवाद = बिना विवाद के
- अनजाने = जो नहीं जानता
- प्रतिपल = प्रत्येक पल
- अभूतपूर्व = जो पूर्व में नहीं
- अनुरूप = जैसा रूप
- आजन्म = जन्म से
- अनुकृति = जैसी आकृति है
- आपाद मस्तक = पैरो से मस्तिष्क तक
- निडर = भय हीन
- बे चैन = बिना चैन के
- ना लायक = जो लायक नहीं है
- दर हकीकत = हकीकत में
- दर असल = वास्तव में
- आ समुद्र = समुद्र पर्यन्त
- बाकायदा = कायदा सहित
- भरसक = सामर्थ्य के अनुसार
- हर रोज = प्रत्येक दिन
- अति वृष्टि = वृष्टि की अति
- अत्यल्प = बहुत कम
- प्रतिक्रिया = क्रिया से प्रेरित क्रिया
- प्रत्युत्तर = उत्तर का उत्तर
- प्रतिलिपि = लिपि की लिपि
- प्रतिद्वन्द्वी = सघर्ष करने वाले का विरोधी
- प्रत्याशा = आशा के बदले आशा
- अनुदान = दान के बदले दान
- अनुबन्ध = बंध की तरह बाधना
- नियोग = अच्छा योग
- नीरोग = रोग रहित
- नियमन = ठीक प्रकार के नियम
- सावधान = अवधान के साथ
- जीवन भर = सम्पूर्ण जीवन’
- अनाम = नाम से हीन
- दिन भर = पूरे दिन
- भर पेट = पेट भरकर
- हर पल = प्रत्येक पल
- हर वर्ष = प्रति वर्ष
- अवसरानुसार = अवसर के अनुसार
- ध्यानपूर्वक = ध्यान के साथ
- अतिसार = सार की अति
- अत्याचार = आचार का अतिक्रमण
- अनुसरण = सरण के बाद सरण
- अनुकरण = किए गये के अनुसार करना
- अनुमान = मान के अनुसार
- मारामारी = मार के बाद मार
- पहले-पहल = सबसे पहले
- लूटम लूट = लूट के बाद लूट
पहला पद नाम पद (अव्ययीभाव समास)
- घर-घर = घर के बाद घर
- हाथों-हाथ = हाथ के बाद हाथ
- दिनों-दिन = दिन के बाद दिन
- साफ-साफ = साफ के बाद साफ
- बार-बार = बार के बाद बार
- बीचों-बीच = बीच के भी बीच
- बारंबार = बार-बार
- एक-एक = एक के बाद एक
- घड़ी – घड़ी = घड़ी के बाद घड़ी
इस प्रकार जिसका प्रथम पद प्रधान होता है। प्रधान पद से तात्पर्य वह पद जिसके बिना निश्चित अर्थ की प्राप्ति नहीं होती है, प्रधान पद कहलाता हैं। अन्, अ,ना,कु, सु,दुर, दुस उपसर्गों को छोड़कर शेष सभी उपसर्गों से बनने वाले शब्द अव्ययी भाव समास के उदाहरण होते हैं।
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मैं सूर्या इस ब्लॉग का लेखक हूँ। मैंने जय नारायण विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है । मेरे पास की जानकारी आप लोगो के साथ साँझा कर रहा हूँ ।अगर कही कोई त्रुटी हो तो आप जरुर टिपण्णी करे । आप बने रहे हमारे साथ शब्द सूत्र पर । धन्यवाद ।
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