बहुव्रीहि समास के 100 उदाहरण In Hindi– जिस समास में दोनों पद मिलकर किसी तीसरे शब्द का निकलना ही बहुव्रीहि समास कहलाता है।आज के इस ब्लॉग में आपको बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण के बारे बताएँगे और आपके एग्जाम में ये उदाहरण पूछे जाएंगे।
बहुव्रीहि समास के 100 उदाहरण In Hindi
- पुष्पधन्वा- वह जिसके पुष्पों का धनुष है कामदेव
- कुसुमशर -वह जिसके कुसुम के शर (बाण) हैं-कामदेव
- लंबोदर -वह जिसके लंबा उदर है- गणेश एक
- मनोज -वह जो मन में जन्म लेता है-कामदेव
- आशुतोष -वह शीघ्र (आशु) तुष्ट हो जाते हैं जो – शिव
- वक्रतुंड -जिनका तुंड (मुख) वक्र (टेढ़ा) है-गणेश
- पंचानन -वह जिनके पंच आनन (मुँह) हैं-शिव
- चन्द्रमौलि -वह जिनके मौलि (मस्तक) पर चंद्र है-शिव
- त्रिलोचन -वह जिनके लोचन (नेत्र) तीन हैं-शिव
- पशुपति -पशुओं का पति (स्वामी)- शिव
- पद्मासना-वह जो पद्म (कमल) के आसनवाली है-सरस्वती/लक्ष्मी
- वाग्देवी -वह जो वाक् (भाषा) की देवी है-सरस्वती
- अंजनिसुत -वह जो अंजनी के सुत हैं हनुमान
- एकदंत- वह जिसके एक दंत है-गणेश
- क्ज्रांग -बजरंग जिनका अंग वज्र का है हनुमान
- इंदुशेखर -वह जिनके इंदु (चंद्रमा) शेखर (सिर का आभूषण) है-शिव
- नीलकंठ -वह जिनका कंठ नीला है- शिव
- चन्द्रचूड़ -वह जिनके चूड़ (सिर) पर चंद्र है-शिव
- शूलपाणि -वह जिनके पाणि (हाथ) में शूल (त्रिशूल) है- शिव
- वीणापाणि -वह जिसके पाणि (हाथ) में वीणा है-सरस्वती
- महेश्वर -महान् है जो ईश्वर- शिव
- कपीश्वर -वह जो कपियों (वानर) के ईश्वर हैं हनुमान
- पद्मनाभ- वह जिसकी नाभि में पद्म (कमल) है-विष्ण
- हिरण्यगर्भ- वह जिसका हिरण्य (सोने) का गर्भ है-ब्रह्मा, चतुरानन, चतुर्मुख आदि
- चतुर्भुज- वह जिनके चार भुजाएँ हैं-विष्णु
- युधिष्ठिर -जो युद्ध में स्थिर रहता है
- चतुरानन -वह जिनके चार आनन हैं ब्रह्मा
- धनंजय -वह जो धन (पृथ्वी, भौतिक संपदा आदि) का जय करता है-अर्जुन
- षण्मुख -वह जिनके षट् मुख हैं-कार्तिकेय
- मयूरवाहन- वह जिनके मयूर का वाहन है कार्तिकेय
- षडानन -वह जिनके षट् आनन हैं-कार्तिकेय
- हिमतनया -वह जो हिम की तनया (पुत्री) हैं-पार्वती
- दशरथनंदन -वह जो रशरथ के नंदन हैं- राम
- शैलनंदिनी -वह जो शैल (हिमालय) की नंदिनी (पुत्री) हैं- पार्वती
- पुंडरीकाक्ष -वह जिसकी अक्षि (आँखें) पुंडरीक (कमल) के समान हैं-विष्णु
- हृषीकेश- वह जो हृषीक (इंद्रियों) के ईश हैं-विष्णु/कृष्ण
- गरुड़ध्वज -वह जिनके गरुड़ का ध्वज है-विष्णु
- शेषशायी- वह जो शेष (नाग) पर शयन करते हैं-विष्णु
- वाचस्पति- वह जो वाक् का पति है-बृहस्पति
- दशमुख -वह जिसके दस मुख हैं- रावण
- सप्तऋषि -वे जो ऋषि सात (उनके नाम निश्चित है) हैं वे- सात ऋषि विशेष
- सूर्यपुत्र -वह जो सूर्य का पुत्र है-कर्ण
- सूतपुत्र -वह जो सूत (सारथि) का पुत्र है-कर्ण
- सिंहवाहिनी -वह जिनके सिंह का वाहन है-दुर्गा
- रोहिणीनंदन -वह जो रोहिणी के नंदन (पुत्र) हैं-बलराम
- रेवतीरमण -वह जो रेवती के साथ रमण करते हैं-बलराम
- हलधर -वह जो हल को धारण करते हैं-बलराम
- नीरज -वह जो नीर से जन्मता है-कमल
- रघुपति -वह जो रघु (वंश) के पति (स्वामी) हैं- राम
- इंद्रधनुष -वह जो इंद्र का धनुष है- बरसात में बननेवाला सतरंगी अर्धवृत्त
- सुधाकर -वह जो सुधा (अमृत) को संभव करता है-चंद्रमा
- त्रिपिटक तीन पिटकों (रचना-संग्रह) का संग्रह (बौद्ध धर्म के ग्रंथ विशेष)
- नरेश जो नरों का ईश है वह राजा (भूपति, महीपति, भूपाल, नृपति आवि जो हिम का अद्रि (पर्वत) है वह – हिम
- त्रिवेणी तीन वेणियों (नदियों) का संगम-स्थल-प्रयाग
- रत्नगर्भा सूत (सारथि) का पुत्र र्ण सूर्य का पुत्र है-कर्ण
- नवग्रह नव (नौ) ग्रहों का समूह-मंगल, बुध आदि विशिष्ट नौ ग्रह
- पंचवटी पाँच वटवृक्षों के समूहवाला स्थान – मध्य प्रदेश में स्थान विशेष
- त्रिफला तीन फलों का समूह-हरड़े, बहड़े, आँवला
- दुर्वासा बुरे (दुः) वस्त्र (वसन) पहनने वाला-एक ऋषि विशेष का नाम
- रामायण राम का अयन (आश्रय) – वाल्मीकि रचित काव्य
- गुरुद्वारा गुरु का द्वार (स्थान) – सिक्खों का धर्मस्थान
- पंचतंत्र पंच प्रकार का तंत्र-संस्कृत की पुस्तक विशेष
- दिवाकर दिन को करने (संभव बनाने) वाला-सूर्य
- नवारिज वह जो वारि से जन्मता है-कमल बज, अंबुज, पंकज, शतपत्र, शतदल, जलजात (जल
- अंशुमाली वह अंशु (किरणों) की माला है जिसके सहस्रकर आदि
- चक्षुश्रवा जो चक्षु से श्रवण-कार्य करता है-साँप
- मृगलांछन, मृगांक, सुधांशु, हिमांशु, राकेश, शशांक मृगांक आदि ।
- वसुंधरा जो वसु (रत्न, धन) को धारण करती है-पृथ्वी
- अष्टाध्यायी जिसके आठ अध्याय हैं-पाणिनी रचित संस्कृत व्याकरण
- पंजाब पाँच आबों (नदियों) का क्षेत्र-राज्य विशेष (PSI-98)
- नवरात्र नौ रात्रियों का समूह-चैत्र एवं आसोज की विशिष्ट नौ रात्रियाँ
- गुरुमुखी गुरु के मुख से निकली हुई- पंजाबी की लिपि का नाम
- बारहसींगा बारह सींगोंवाला पशु – हिरण की एक जाति विशेष का नाम (जरूरी नहीं कि उसके निश्चित बारह ही सींग हों)
- दिगंबर दिशाएँ हैं अंबर (वस्त्र) जिसकी शिव, जैन धर्म का एक संप्रदाय विशेष, नंगा
- तिरंगा तीन रंगों वाला- भारतीय राष्ट्रध्वज
- पंचामृत पाँच प्रकार का अमृत – दूध, दही, शक्कर, गोमल, गोमूत्र का रसायन विशिष्ट
- लोकसभा लोक (लोगों) की सभा- भारतीय संसद का निम्न सदन
- जयपुर जयसिंह द्वारा बसाया गया पुर (नगर)- एक शहर विशेष का नाम
- षट्पद षट् पद (पैर) वाला-भ्रमर
- त्रिशूल तीन शूलों का समूह-शिव के अस्त्र का नाम (तीन बाणों की नोकों या कटारों का समूह)
- षड्दर्शन षट् दर्शनों का समूह-सांख्य, न्याय आदि छह विशिष्ट भारतीय दर्शन
- अनुचर जो चलनेवाले के पीछे चले -सेवक
- अनुकूल कूल (किनारे) की ओर – सहयोगी, समर्थक
- पददलित पद (पाँवों) द्वारा दलित समाज का दलित वर्ग
- पनवाड़ी पान की वाड़ी-पान विक्रेता
- सिरदर्द सिर में दर्द-परेशानी, झंझट
- निगोड़ा बिना गोड़ (पैर) के-निराश्रित
- महाजन जो जन महान् है
- कनफटा कान हैं फटे हुए जिसके
- राजा का पुत्र-एक जाति विशेष का नाम
- दूर का दर्शन – भारत सरकार का टेलीविज़न उपक्रम
- निशाचर निशा में चलनेवाला- राक्षस
- कठघरा काठ का घेरा न्यायालय में अपराधी/साक्षी के लिए खड़े होने के लिए बना काठ का घेरा
- छुटभैया जो भैया छोटा है- किसी बड़े नेता से जुड़ा हुआ छोटा नेता
- डंडीमार डंडी से मारनेवाला-तराजू से कम तोलनेवाला व्यापारी
- महाकाव्य जो काव्य महान् है-प्रबंधव्य का एक रूप
- महावीर जो वीर महान् है- हनुमान या महावीर स्वामी
- खड़ीबोली जो बोली खड़ी हो- हिंदी भाषा की एक बोली का नाम
- सिरफिरा जिसका सिर फिरा हुआ है-सनकी
- पीतांबर – वह जिसके पीत (पीले) अंबर (वस्त्र) हैं-कृष्ण
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से आपको बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
इसके साथ आप हमारे अन्य ब्लॉग को पढ़ सकते है जिसकी लिंक निचे दी गई है।
- Tatpurush Samas Ke Udaharan : तत्पुरुष समास के उदाहरण
- Dvigu Samas Ke Udaharan : द्विगु समास के उदाहरण
- Dwand Samas Ke Udaharan : द्वंद्व समास के उदाहरण
- अव्ययीभाव समास के उदाहरण : Avyayibhav Samas Ke Udaharan
आप अन्य सामान्य ज्ञान के लिए आप फैक्ट्स पत्रिका पर जा सकते है

मैं सूर्या इस ब्लॉग का लेखक हूँ। मैंने जय नारायण विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है । मेरे पास की जानकारी आप लोगो के साथ साँझा कर रहा हूँ ।अगर कही कोई त्रुटी हो तो आप जरुर टिपण्णी करे । आप बने रहे हमारे साथ शब्द सूत्र पर । धन्यवाद ।