बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण

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बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण– जिस समास में दोनों पद मिलकर किसी तीसरे शब्द का निकलना ही बहुव्रीहि समास कहलाता है।आज के इस ब्लॉग में आपको बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण के बारे बताएँगे और आपके एग्जाम में ये उदाहरण पूछे जाएंगे।

बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण

  1. देवराज – वह जो देवों का राजा है-इंद्र
  2. वज्रपाणि – वह जिसके पाणि (हाथ) में वज है इंद्र
  3. शचीपति – वह जो शची का पति है- इंद्र
  4. पीतांबर – वह जिसके पीत (पीले) अंबर (वस्त्र) हैं-कृष्ण
  5. घनश्याम – वह जो श्याम (वर्ण के) घन (बादल) के समान है-कृष्ण
  6. नंदनंदन – वह जो नंद का नंदन (पुत्र) है-कृष्ण
  7. पंचशर – वह जिसके पाँच (पाँच फूलों के शर हैं-कामदेव
  8. मकरध्वज- वह जिसके मकर का ध्वज है कामदेव
  9. रतिकांत- वह जो रति का कांत (पति) है-कामदेव
  10. नाकपति-वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है – इंद्र
  11. वज्रायुधव -वह जिसके वज्र का आयुध है- इंद्र
  12. सहस्त्राक्ष -वह जिसके सहस्त्र (हजार) अक्षि (आँखें) हैं-
  13. गिरिधर -वह जो गिरि (पहाड़) को धारण करनेवाला है-कृष्ण
  14. ब्रजवल्लभ -वह जो ब्रज का वल्लभ (स्वामी) है-कृष्ण
  15. मुरारि -वह जो मुर (राक्षस का नाम) के अरि (शत्रु) हैं- कृष्ण
  16. कुसुमशर -वह जिसके कुसुम के शर (बाण) हैं-कामदेव
  17. पुष्पधन्वा -वह जिसके पुष्पों का धनुष है कामदेव
  18. मनोज -वह जो मन में जन्म लेता है-कामदेव
  19. लंबोदर -वह जिसके लंबा उदर है- गणेश एक
  20. वक्रतुंड -जिनका तुंड (मुख) वक्र (टेढ़ा) है-गणेश
  21. आशुतोष -वह शीघ्र (आशु) तुष्ट हो जाते हैं जो – शिव
  22. पंचानन- वह जिनके पंच आनन (मुँह) हैं-शिव
  23. त्रिलोचन- वह जिनके लोचन (नेत्र) तीन हैं-शिव
  24. चन्द्रमौलि- वह जिनके मौलि (मस्तक) पर चंद्र है-शिव
  25. पशुपति -पशुओं का पति (स्वामी)- शिव
  26. वाग्देवी- वह जो वाक् (भाषा) की देवी है-सरस्वती
  27. पद्मासना- वह जो पद्म (कमल) के आसनवाली है-सरस्वती/लक्ष्मी
  28. अंजनिसुत -वह जो अंजनी के सुत हैं हनुमान
  29. क्ज्रांग- बजरंग जिनका अंग वज्र का है हनुमान
  30. एकदंत -वह जिसके एक दंत है-गणेश
  31. इंदुशेखर- वह जिनके इंदु (चंद्रमा) शेखर (सिर का आभूषण) है-शिव
  32. नीलकंठ- वह जिनका कंठ नीला है- शिव
  33. चन्द्रचूड़ -वह जिनके चूड़ (सिर) पर चंद्र है-शिव
  34. शूलपाणि -वह जिनके पाणि (हाथ) में शूल (त्रिशूल) है- शिव
  35. महेश्वर- महान् है जो ईश्वर- शिव
  36. वीणापाणि -वह जिसके पाणि (हाथ) में वीणा है-सरस्वती
  37. कपीश्वर -वह जो कपियों (वानर) के ईश्वर हैं हनुमान
  38. प‌द्मनाभ -वह जिसकी नाभि में पद्म (कमल) है-विष्ण
  39. चतुर्भुज -वह जिनके चार भुजाएँ हैं-विष्णु
  40. हिरण्यगर्भ -वह जिसका हिरण्य (सोने) का गर्भ है-ब्रह्मा, चतुरानन, चतुर्मुख आदि
  41. युधिष्ठिर -जो युद्ध में स्थिर रहता है
  42. धनंजय- वह जो धन (पृथ्वी, भौतिक संपदा आदि) का जय करता है-अर्जुन
  43. चतुरानन- वह जिनके चार आनन हैं ब्रह्मा
  44. षण्मुख- वह जिनके षट् मुख हैं-कार्तिकेय
  45. षडानन- वह जिनके षट् आनन हैं-कार्तिकेय
  46. मयूरवाहन- वह जिनके मयूर का वाहन है कार्तिकेय
  47. हिमतनया -वह जो हिम की तनया (पुत्री) हैं-पार्वती
  48. शैलनंदिनी -वह जो शैल (हिमालय) की नंदिनी (पुत्री) हैं- पार्वती
  49. दशरथनंदन -वह जो रशरथ के नंदन हैं- राम
  50. पुंडरीकाक्ष -वह जिसकी अक्षि (आँखें) पुंडरीक (कमल) के समान हैं-विष्णु

आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से आपको बहुव्रीहि समास के 50 उदाहरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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