भविष्य काल की परिभाषा (Bhavishya Kaal Ki Paribhasha)
भविष्य काल की परिभाषा – भविष्यत् काल क्रिया के जिस रूप से उसके व्यापार के आगामी समय में होने का बोध होता है वह भविष्यत् काल कहलाता है। भविष्य काल के तीन भेद होते है।
भविष्य काल के प्रकार या भेद (Bhavishya Kaal Ke Prakar)
- सामान्य भविष्यत् काल
- सम्भाव्य भविष्यत् काल
- हेतु हेतु मद् भविष्यत् काल
1 सामान्य भविष्यत् काल (Simple Future Tense)
क्रिया के जिस रूप से उसके व्यापार के सामान्य से आगामी समय में होने का बोध होता है, उसे सामान्य भविष्यत काल कहते हैं। जैसे- हनुमान नाटक प्रतियोगिता में भाग लेगा। इस वाक्य में लेगा क्रिया में नाटक व्यापार के आगामी समय में होने का बोध होता हैं। अतः लेगा क्रिया में सामान्य भविष्यत् काल है। इसमें क्रिया के अन्त में एगा, एगी, एंगे आदि लगते हैं।
सामान्य भविष्यत् काल के उदाहरण
- दीपक टी वी देखेगा।
- बालक अख़बार बेचेगा।
- बच्चे घूमने जायेंगे।
- हम कैरम बोर्ड खेलेंगे।
- वह खाना खाएगी।
- बच्चे खेलने जाएंगे।
- वह घर जाएगा।
- मोहन पत्र लिखेगा।
- सुरेश स्कूल जाएगा।
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2. सम्भाव्य भविष्यत् काल (Doubtful Future Tense)
क्रिया का वह रूप जिससे उसके व्यापार के आगामी समय में होने की सम्भावना का बोध होता है. उसे सम्भाव्य भविष्यत् काल कहते हैं। इसमें क्रिया के साथ ए.ऐ.ओ, ऊँ का योग रहता हैं। जैसे- शायद मैं जयपुर जाऊँ। इस वाक्य में जाऊँ क्रिया से जयपुर जाने के व्यापार के भविष्य में होने की सम्भावना का बोध होता है। इस प्रकार ‘जाऊँ’ क्रिया में सम्भाव्य भविष्यत् काल है।
सम्भाव्य भविष्यत् काल के उदाहरण (भविष्य काल की परिभाषा)
- शायद आज बारिश हो।
- शायद चोर पकड़ा जाए।
- कल शायद हम घूमने जाएंगे।
- हो सकता है कि मैं कल वहां जाऊं।
- कल शायद मैं नए कपड़े खरीदूं।
- शायद परीक्षा में मुझे अच्छे अंक प्राप्त हो।
- हो सकता है की चोर पकड़ा जाए।
3. हेतु हेतु भविष्यत् काल (Conditional Future Tense)
क्रिया के जिस रूप से उसके आगामी समय में पूर्ण करने की आज्ञा देने वाले स्वरूप का बोध होता है उसे हेतु हेतु भविष्यत् काल कहते है। इसमें क्रिया के साथ आएगा लगा रहता है। जैसे आप अवश्य आइएगा। इस वाक्य में ‘आइएगा’ क्रिया के आगामी समय में आने के व्यापार के लिए आज्ञा देने का बोध होता है। अतः आइएगा’ क्रिया में हेतु हेतु भविष्यत् काल है।
हेतु हेतु मद् भविष्यत् काल के उदाहरण
- यदि छुट्टियां होगी तो मैं गुजरात जाऊंगा।
- यदि बच्चा रोएगा तो मैं संभाल लूंगी।
- अगर तुम मेहनत करोगे तो फल अवश्य मिलेगा।
- राम गाए तो मैं बजाऊ।
- वह आये तो मै जाऊ।
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भविष्यत काल किसे कहते हैं? (bhavishya kal kise kahate hain)
भविष्यत् काल क्रिया के जिस रूप से उसके व्यापार के आगामी समय में होने का बोध होता है वह भविष्यत् काल कहलाता है।
भविष्य काल के कितने भेद होते हैं? (bhavishya kal ke kitne bhed hote hain)
भविष्य काल के तीन भेद होते है।
1. सामान्य भविष्यत् काल
2. सम्भाव्य भविष्यत् काल
3. हेतु हेतु मद् भविष्यत् काल
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