दीर्घ संधि के 100 उदाहरण- यदि हृस्व दीर्घ अ,उ,ऋ,लृ,इ,के बाद क्रमशः सम्मान वर्ण आते हैं तो दोनों को मिलाकर दीर्घ हो जाता है
दीर्घ संधि के 100 उदाहरण
- दिव्य + अस्त्र = दिव्यास्त्र
- युग + अंतर = युगांतर
- राष्ट्र + अध्यक्ष राष्ट्राध्यक्ष
- अस्त + अचल अस्ताचल
- दिवस + अंत = दिवसांत
- हस्त + अंतरण हस्तांतरण
- उदय अचल = उदयाचल
- आग्नेय + अस्त्र = आग्नेयास्त्र
- लोहित + अंग = लोहितांग (मंगल ग्रह)
- ध्वंस + अवशेष = ध्वंसावशेष
- उप + अध्याय (अधि आय) = उपाध्याय
- नयन + अभिराम = नयनाभिराम
- दिवस + अवसान = दिवसावसान
- सर्व + अंगीण = सर्वांगीण
- देह + अतीत = देहातीत
- बीज + अंकुर = बीजांकुर
- प्रसंग + अनुकूल = प्रसंगानुकूल
- मध्य + अवधि = मध्यावधि
- स + अवयव = सावयव
- भग्न + अवशेष = भग्नावशेष
- स + अनुरोध = सानुरोध
- शत + अब्दी (अप्+ दी) = शताब्दी
- सहस्र + अब्दी (अप् + दी) सहस्त्राब्दी
- मर्म + अंतक = मर्मातक
- आनंद + अतिरेक आनंदातिरेक
- विरह + अनल = विरहानल
- रस + अनुभूति = रसानुभूति
- पत्र + अंक = पत्रांक
- पाठ + अंतर = पाठांतर
- स्वत्व + अधिकार = स्वत्वाधिकार
- माम + अंचल = ग्रामांचल
- पोषण + अभाव = पोषणाभाव
- दृश्य + अवली (पंक्ति) = दृश्यावली
- स + अवधि = सावधि
- धर्म + अधिकारी = धर्माधिकारी
- स + अभिप्राय = साभिप्राय
- विक्रम + अब्द (अप् + द = वर्ष) = विक्रमाब्द
- मेघ + अवली = मेघावली
- विष+ अणु = विषाणु
- ऊर्ध्व + अधर = ऊर्ध्वाधर
- अक्ष + अंश = अक्षांश
- सुख + अनुभूति = सुखानुभूति
- शोक + अन्वित (अनु + इत) = शोकान्वित
- हर्ष + अतिरेक = हर्षातिरेक
- क्रम + अंक = क्रमांक
- जठर + अग्नि = जठराग्नि
- पूर्ण + अंक = पूर्णांक
- स्पर्श + अनुभूति = स्पर्शानुभूति
- उत्तर + अधिकार = उत्तराधिकार
- जन + अर्दन (पीड़ा) = जनार्दन
- तथ्य + अन्वेषण (अनु + एषण) = तथ्यान्वेषण
- नव + अंकुर = नवांकुर
- सह + अनुभूति = सहानुभूति
- स्व + अनुभूत = स्वानुभूत
- अधिक + अंश = अधिकांश
- उत्तर + अर्द्ध = उत्तरार्द्ध
- देश + अटन (यात्रा) = देशाटन
- स्व + अर्थ = स्वार्थ
- न्यून + अधिक = न्यूनाधिक
- अंध + अनुगामी = अंधानुगामी
- स्व + अध्याय (अधि + आय) स्वाध्याय
- मुर + अरि = मुरारि (मुर राक्षस के शत्रु = कृष्ण)
- तीर्थ + अटन = तीर्थाटन
- कीट + अणु = कीटाणु
- हिम + अद्रि (पर्वत) = हिमाद्रि (हिमालय)
- शश + अंक = शशांक
- स्व + अधीन स्वाधीन
- त्रिपुर + अरि = त्रिपुरारि
- राम + अयन = रामायण
- शत + अधिक = शताधिक
- काम + अयनी = कामायनी
- शीत + अंशु = शीतांशु (चंद्रमा)
- हिम + अंशु (किरण) = हिमांशु (चंद्रमा)
- स्व + अर्थ = स्वार्थ
- विचार + अधीन (अधि + इन) = विचाराधीन
- वात + अयन = वातायन
- पर + अधीन पराधीन
- विंध्य + अचल (पर्वत) = विंध्याचल
- स + अवधान = सावधान
- विकल + अंग = विकलांग
- दीप + अवली = दीपावली
- लोक + अपवाद = लोकापवाद
- अर (पहिए के अरे) + अवली = अरावली
- अर्ध + अंश = अर्धांश
- पद + अर्थ = पदार्थ
- जीव + अश्म (पत्थर) = जीवाश्म
- परम + अर्थ = परमार्थ
- पद + अवनत = पदावनत
- गीत + अंजलि = गीतांजलि
- मत + अंतर = मतांतर
- धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
- अधिक + अधिक = अधिकाधिक
- दाव (वन) + अग्नि = दावाग्नि
- ऊह + अपोह = ऊहापोह
- नयन + अंबु = नयनांबु (आँसू)
- गीत + अवली (समूह) = गोतावली
- स + अष्ट अंग = साष्टांग
- प्र + अंगन = प्रांगण
- पूर्व + अहन् (दिन) = पूर्वाण (पूर्वाह्न)
- तिल + अंजलि = तिलांजलि
आशा करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से आपको दीर्घ संधि के 100 उदाहरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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मैं सूर्या इस ब्लॉग का लेखक हूँ। मैंने जय नारायण विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है । मेरे पास की जानकारी आप लोगो के साथ साँझा कर रहा हूँ ।अगर कही कोई त्रुटी हो तो आप जरुर टिपण्णी करे । आप बने रहे हमारे साथ शब्द सूत्र पर । धन्यवाद ।