Tatpurush Samas Ke Udaharan : तत्पुरुष समास के उदाहरण

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Tatpurush Samas Ke Udaharan- तत्पुरुष समास के उदाहरण तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा तथा द्वितीय पद (पर पद) प्रधान होता है। दोनों पदों के मध्य कारक की विभक्तियाँ लुप्त होती हैं। कर्त्ता एवं सम्बोधन (ने,हे,ओ,अरे) को छोड़कर शेष विभक्यिाँ लुप्त होती हैं। इस प्रकार तत्पुरुष समास में कारक की विभक्ति रहती है परन्तु समस्त पद में उसका लोप हो जाता है।

तत्पुरुष समास के निम्नलिखित भेद हैं-

 कर्म तत्पुरुष  (को)

जहां पूर्व पद में कर्म कारक की विभक्ति का लोप होता है वहाँ कर्म तत्पुरुष होता है। 

Tatpurush Samas Ke Udaharan

  • नेत्र सुखद = नेत्रों को सुखद
  • वन गमन = वन को गमन 
  • जेब कतरा = जेब को कतरने वाला
  • प्राप्तोदक = उदक को प्राप्त
  • कृष्णार्पण = कृष्ण को अर्पण
  • सिरतोड़ = सिर को तोडने वाला 
  • सुख प्राप्त = सुख को प्राप्त
  • माखन चोर = माखन को चुराने वाला
  • पतित पावन = पतितों को पवित्र करने वाला
  • जितेंद्रिय = इंद्रियों को जीतने वाला 
  • स्वर्ग प्राप्त = स्वर्ग को प्राप्त
  • शरणागत = शरण को आया
  • चिड़ीमार = चिड़ी को मारने वाला
  • ध्यानातीत = ध्यान को अतीत
  • आदर्शोन्मुख = आदर्श को उन्मुख
  • कमर तोड़ = कमर को तोड़ने वाला
  • मनोहर = मन को हरने वाला
  • यश प्राप्त = यश को प्राप्त
  • ग्रन्थ कार = ग्रंथ को रचने वाला
  • कोशकार = कोश को करने वाला
  • काठ फोड़ा = काठ को फोड़ने वाला
  • विद्याधर = विद्या को धारण करने वाला
  • मरणातुर = मरने को आतुर
  • सर्वप्रिय = सबको प्रिय
  • परलोक गमन = परलोक को गमन
  • गिरह कट = गिरह को काटने वाला
  • जन प्रिय = जन को प्रिय
  • स्वर्ग गत = स्वर्ग को गया
  • गृहागत = गृह को आगत
  • रोजगारोन्मुख = रोजगार को उन्मुख
  • खड्गधर = खड्ग को धारण
  • पक्ष धर = पक्ष को धारण
  • कार्योन्मुख = कार्य को उन्मुख
  • वय प्राप्त = वय को प्राप्त
  • विकासोन्मुख = विकास को उन्मुख
  • व्यक्ति गत = व्यक्ति को गत

करण तत्पुरुष :- से, के द्वारा

  • जतुलसी कृत = तुलसी द्वारा कृत
  • मदांध = मद से अन्धा
  • रेखांकित = रेखा से अंकित
  • हस्तलिखित = हस्त द्वारा लिखित
  • दोष पूर्ण = दोष से पूर्ण 
  • ईश्वर-प्रदत्त = ईश्वर से प्रदत्त
  • दयार्द्र = दया से आर्द्र 
  • रत्नजडित = रत्नों से जड़ित 
  • आँखों देखी = आँखों से देखी 
  • स्व रचित = स्व द्वारा रचित 
  • अकाल पीड़ित = अकाल से पीडित
  • प्रेमातुर = प्रेम से आतुर
  • वाग्दता = वाणी द्वारा दत्त 
  • नेत्र हीन = नेत्र से हीन 
  • अश्रुपूर्ण = अश्रु से पूर्ण 
  • मेघाच्छन्न = मेघ से आच्छन्न
  • रसभरा = रस से भरा
  • नीतियुक्त = नीति से युक्त
  • कार्यमुक्त = कार्य से मुक्त
  • गुणयुक्त = गुण से युक्त
  • क्षुधातुर = क्षुधा से आतुर
  • रोग पीड़िता = रोग से पीड़िता
  • महिमा मंडित = महिमा से मंडित
  • बस यात्रा = बस द्वारा यात्रा
  • प्रतीक्षातुर = प्रतीक्षा से आतुर
  • स्वचिंतन = स्वयं द्वारा चिंतन
  • मन मानी = मन से मानी हुई
  • शोका कुल = शोक से आकुल
  • जलसिक्त = जल से सिक्त

सम्प्रदान तत्पुरुष – (के लिए) 

  • सभा भवन = सभा के लिए भवन
  • हवन सामग्री = हवन के लिए सामग्री
  • विद्यालय = विद्या के लिए आलय
  • बलिपशु = बलि के लिए पशु
  • गुरुदक्षिणा = गुरु के लिए दक्षिणा
  • आराम कुर्सी = आराम के लिए कुर्सी
  • यज्ञशाला = यज्ञ के लिए शाला
  • पुण्यदान = पुण्य के लिए दान
  • युद्धाभ्यास = युद्ध के लिए अभ्यास
  • परीक्षा केन्द्र = परीक्षा के लिए केन्द्र
  • हथकड़ी = हाथ के लिए कड़ी
  • प्रतीक्षालय = प्रतीक्षा के लिए आलय
  • सत्याग्रह = सत्य के लिए आग्रह
  • देश भक्ति = देश के लिए भक्ति
  • रसोई घर = रसोई के लिए घर
  • कर्ण फूल = कानों के लिए फूल
  • रण क्षेत्र = रण के लिए क्षेत्र
  • रोकड़बही = रोकड़ के लिए बही
  • न्यायालय = न्याय के लिए आलय 
  • विधान सभा = विधान के लिए सभा 
  • रन वास = रानियों के लिए आवास 
  • शपथ पत्र = शपथ के लिए पत्र
  • माल गोदाम = माल के लिए गोदाम 
  • पुत्रशोक = पुत्र के लिए शोक
  • जन हित = जन के लिए हित
  • घर खर्च = घर के लिए खर्च
  • स्नानागार = स्नान के लिए आगार
  • कृषि भवन = कृषि के लिए भवन

अपादान तत्पुरुष = से अलग

  • धनहीन = धन से हीन
  • भयभीत = भय से भीत
  • पथ भ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट
  • आशातीत = आशा से अतीत
  • देश निकाला = देश से निकाला
  • धर्म विमुख = धर्म से विमुख
  • जातिच्युत = जाति से च्युत
  • लक्ष्य भ्रष्ट = लक्ष्य से भ्रष्ट
  • आवरण हीन = आवरण से हीन
  • अभियोग मुक्त = अभियोग से मुक्त
  • पाप मुक्त = पाप से मुक्त
  • गुण रहित = गुण से रहित
  • लोकोतर = लोक से परे
  • बन्धन मुक्त = बन्धन से मुक्त
  • पदच्युत = पद से च्युत
  • काम चोर = काम से चोरी करने वाला
  • सेवा निवृत = सेवा से निवृत
  • दूरागत = दूर से आगत
  • हृदयहीन = हृदय से हीन
  • भाग्यहीन = भाग्य से हीन
  • लाभ रहित = लाभ से रहित
  • गर्व शून्य = गर्व से शून्य
  • इंद्रियातीत = इंद्रियों से अतीत
  • विवाहेतर = विवाह से इतर (अलग)
  • वीरविहीन = वीर से विहीन
  • शोभहीन = शोभ से हीन
  • नरकभय = नरक से भय
  • सत्ताच्युत = सत्ता से च्युत
  • जातबाहर = जाति से बाहर
  • अवसरवंचित = अवसर से वंचित
  • हतश्री = श्री से हत (शोभा से रहित)
  • आदिवासी = आदि से वास करने वाला
  • रोजगारवंचित = रोजगार से वंचित
  • शब्दातीत = शब्द से अतीत
  • नेत्रहीन = नेत्र से हीन 
  • जन्मोत्तर = जन्म से उत्तर 
  • कर्म भिन्न = कर्म से भिन्न
  • लोक विरूद्ध = लोक से विरूद्ध
  • धर्मभ्रष्ट = धर्म से भ्रष्ट
  • पथभ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट
  • रोगमुक्त = रोग से मुक्त
  • भयमुक्त = भय से मुक्त
  • रणविमुख = रण से विमुख

सम्बन्ध तत्पुरुष = का, के, की

  • रामचरित = राम का चरित
  • राजमाता = राजा की माता
  • अमचूर = आम का चूर्ण
  • प्रेम-सागर = प्रेम का सागर
  • मंत्रिपरिषद् = मन्त्रियों की परिषद्
  • जगन्नाथ = जगत् का नाथ
  • दुःखसागर = दुःख का सागर
  • मृत्युदंड = मृत्यु का दण्ड
  • शासनपद्धति = शासन की पद्धति
  • नरबलि = नर की बलि
  • राजसभा = राजा की सभा
  • गंगाजल = गंगा का जल
  • चन्द्रोदय = चन्द्र का उदय
  • अन्नदाता = अन्न का दाता
  • क्षमादान = क्षमा का दान
  • सेनानायक = सेना का नायक
  • देशभक्ति = देश की भक्ति
  • लोकहित = लोक का हित
  • भाग्य विधाता = भाग्य का विधाता
  • पूँजी-पति = पूँजी का पति
  • दिनचर्या = दिन की चर्या
  • लोकसभा = लोक की सभा
  • अमृतधारा = अमृत की धारा
  • प्रजापति = प्रजा का पति
  • सीमारेखा = सीमा की रेखा
  • जलपूर्ति = जल की पूर्ति
  • कनकघट = कनक का घट
  • विद्यादान = विद्या का दान
  • कर्मयोग = कर्म का योग
  • चर्मरोग = चर्म का रोग
  • जलधारा = जल की धारा
  • मतदाता = मत का दाता
  • सूर्योदय = सूर्य का उदय
  • गोदान = गो का दान
  • भूकंप = भू का कंपन
  • शांतिदूत = शांति का दूत
  • राजकुमार = राजा का कुमार
  • लखपति = लाखों का मालिक / पति
  • दीपशिखा = दीप की शिखा
  • कन्यादान = कन्या का दान
  • प्राणाहुति = प्राणों की आहुति
  • विश्वासपात्र = विश्वास का पात्र
  • दृष्टिकोण = दृष्टि का कोण
  • ग्रंथावलि = ग्रंथों की अवली
  • सोमवार = सोम का वार
  • पत्रोत्तर = पत्र का उत्तर
  • सत्रावसान = सत्र का अवसान
  • मातृभाषा = मातृ की भाषा
  • रघुवंश = रधु का वश
  • नरेश = नर का ईश
  • मनोविकार = मन का विकार
  • आत्मज्ञान = आत्म का ज्ञान
  • सत्संगति = संत पुरुषों की संगति
  • सौरमंडल = सूर्य का मण्डल
  • राजकुमारी = राजा की कुमारी
  • दीनबन्धु = दीन का बन्धु

अधिकरण तत्पुरुष = में, पर

  • मुनिश्रेष्ठ = मुनियों में श्रेष्ठ
  • कविपुंगव = कवियों में पुगव
  • वनवास = वन में वास
  • जीवदया = जीवों पर दया
  • ध्यान-मग्न = ध्यान में मग्न
  • घुड़सवार = घोडों पर सवार
  • घृतान्न = घी में पका हुआ अन्न
  • दानवीर = दान में वीर
  • नरोत्तम = नरों में उत्तम
  • वाक्चातुर्य = वाक् में चातुर्य
  • रससिद्ध = रस में सिद्ध
  • काव्यनिपुण = काव्य में निपुण
  • तर्ककुशल = तर्क में कुशल
  • मनमौजी = मन में मौजी
  • कर्मरत = कर्म में रत
  • हरफनमौला = हर फन में मौला अर्थात् कार्य कुशल
  • कविराज कवियों में राजा
  • कर्मनिष्ठ = कर्म में निष्ठ
  • ईश्वराधीन = ईश्वर पर अधीन
  • कूपमंडूक = कूप का मंडूक 
  • देशाटन = देश में अटन
  • आत्मकेन्द्रित = आत्मा पर केन्द्रित
  • तल्लीन = उस मे लीन
  • स्वर्गवास = स्वर्ग मे वास
  • मनमौजी = मन में मौजी
  • कलाप्रवीण = कला में प्रवीण
  • पुरुषोत्तम = पुरुषों में उत्तम
  • गृहप्रवेश = गृह में प्रवेश
  • आपबीती = आप पर बीती
  • शिलालेख = शिला पर लिखा हुआ
  • स्नेहमग्न = स्नेह में मग्न

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