यण संधि के उदाहरण

यण संधि के उदाहरण

आज के इस ब्लॉग में हम यण संधि के उदाहरण के बारे में पढ़ेंगे

  • वि +अर्थ = व्यर्थ 
  • वि+अष्टि = व्यष्टि 
  • वि+असन = व्यसन 
  • वि + अभिचार = व्यभिचार
  • वि + आकरण = व्याकरण 
  • वि+आख्यान = व्याख्यान 
  • वि+आख्या = व्याख्या 
  • वि+ आघात = व्याघात
  • वि + अय = व्यय 
  • वि + आप्त = व्याप्त 
  • वि+आकुल = व्याकुल 
  • वि+आस = व्यास 
  • वि+आपक = व्यापक 
  • वि+आयाम = व्यायाम 
  • वि+आप्ति = व्याप्ति 
  • वि+आवर्तन = व्यावर्तन
  • वि+उत्पत्ति (उद्+पद्+ति) = व्युत्पत्ति 
  • वि+अंजन = व्यंजन
  • अति + अन्त = अत्यन्त
  • अति+अल्प = अत्यल्प 
  • अति+आचार = अत्याचार 
  • अति+अधिक = अत्यधिक
  • अति + उक्ति = अत्युक्ति 
  • अति + आवश्यक = अत्यावश्यक 
  • अति+उद् +तम = अत्युत्तम 
  • अति + उष्ण = अत्युष्ण
  • अति + एकता = अत्येकता 
  • अधि + अक्षि = अध्यक्ष
  • अधि + अक्षर = अध्यक्षर 
  • अधि + आपक = अध्यापक 
  • अधि + अयन = अध्ययन 
  • अधि + आपन = अध्यापन 
  • अधि + आय = अध्याय
  • अधि+आदेश = अध्यादेश 
  • अधि +आत्म = अध्यात्म 
  • अधि + ऊढा = अध्यूहा 
  • क्तृ + उद्‌द्योधन = वक्त्रुद्बोदन 
  • वक्तृ + इच्छा = वक्त्रिच्छा
  • दातृ + इच्छा = दात्रिच्छा
  • दातृ+उत्कंठा = दात्रुत्कंठा 
  • दातृ + उदारता = दात्रुदारता 
  • दातृ + आदेश = दात्रादेश 
  • धातू + अंश =  धात्रंश 
  • धातृ + इच्छा = धात्रिच्छा 
  • भ्रातृ + आदेश = भ्रात्रादेश
  • भ्रातृ + इच्छा = भ्रात्रिच्छा 
  • मातृ + अनुमति = मात्रनुमति
  • प्रति+अक्षि = प्रत्यक्ष 
  • प्रति+अंग = प्रत्यंग 
  • प्रति+ ऊह = प्रत्यूह 
  • प्रति + उष = प्रत्युष 
  • प्रति+आशी = प्रत्याशी 
  • प्रति + आशित = प्रत्याशित 
  • प्रति+आख्यान = प्रत्याख्यान 
  • प्रति+आवर्तन = प्रत्यावर्तन 
  • प्रति+आ+भूति = प्रत्याभूति 
  • प्रति + आरोपण = प्रत्यारोपण 
  • प्रति+अय = प्रत्यय 
  • प्रति+अपकार = प्रत्यपकार 
  • प्रति + अभिज्ञ = प्रत्यभिज्ञ 
  • प्रति + अंतर = प्रत्यंतर
  • प्रति+आ+रोप = प्रत्यारोप 
  • अभि+आस = अभ्यास 
  • अभि + आगत = अभ्यागत 
  • अभि + उदय = अभ्युदय 
  • अभि+उत्थान = अभ्युत्थान 
  • अभि+ अर्थी = अभ्यर्थी 
  • अभि + अंतर = अभ्यंतर 
  • अभि + अर्थना = अभ्यर्थना 
  • परि+आय = पर्याय
  • परि+आ+ वरण = पर्यावरण
  • परि +अव + ईक्ष + अक = पर्यवेक्षक 
  • परि+अंत = पर्यंत 
  • परि+आकुल = पर्याकुल 
  • परि + उषण = पर्युषण
  • परि+अवसान = पर्यवसान 
  • परि+अटन = पर्यटन 
  • परि+अटक = पर्यटक 
  • परि+अव + ईक्षण = पर्यवेक्षण 
  • परि+आप्त = पर्याप्त
  • अनु + इति = अन्विति
  • अनु + ईक्षा = अन्वीक्षा
  • तनु+अंगी = तन्वंगी
  • अणु +अस्त्र = अण्वस्त्र
  • परमाणु + अस्त्र = परमाण्वस्त्र
  • परमाणु + आधार = परमाण्वाधार 
  • साधु + इच्छा = साध्विच्छा
  • साधु + आदेश =  साध्वादेश 
  • साधु + औदार्य = साध्वौदार्य 
  • साधु + आचार = साध्वाचार
  • मधु + इच्छा = मध्विच्छा 
  • मधु+अरि = मध्वरि 
  • मधु + ओदन = मध्वोदन
  • मधु + आचार्य = मध्वाचार्य
  • लघु + ओष्ठ = लघ्वोष्ठ 
  • वधू + आदेश = वध्वादेश 
  • वधू + इच्छा = वध्विच्छा
  • वधू + आगमन = वध्वागमन
  • सरयू + अम्बु = सरय्वम्बु 
  • बहु + ऐश्वर्य = बह्वैश्वर्य
  • गुरु + ऋण = गुर्वृण
  • गुरु + आसन = गुर्वासन
  • गुरु + आज्ञा = गुर्वाज्ञा
  • गुरु + इच्छा =  गुर्विच्छा 
  • गुरु + आदेश = गुर्वादेश 
  • गुरु + ओदन = गुर्वोदन
  • धनु + आकार = धन्वाकार 
  • लघु + आकार = लघ्वाकार 
  • हेतु + आभास = हेत्वाभास

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